US: दुश्मनों को जेल, समर्थकों को माफी.. राष्ट्रपति के तौर पर ट्रंप का क्या रहेगा एजेंडा? बताईं प्राथमिकताएं
ट्रंप ने एनबीसी न्यूज को दिए इंटरव्यू में साफ किया कि अगले महीने राष्ट्रपति पद ग्रहण करने के दिन ही वे 2020 में कैपिटल हिल हिंसा में शामिल रहे अपने समर्थकों को माफी दे देंगे। गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप के बाइडन के खिलाफ चुनाव हारने के बाद उनके समर्थकों ने अमेरिकी संसद पर धावा बोल दिया था।
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव जीतने के बाद पहली बार अपने दूसरे कार्यकाल की प्राथमिकताओं पर खुलकर बात की है। इस दौरान उन्होंने आव्रजन को लेकर नियम सख्त करने, कानूनों को बदलने, कैपिटल हिल पर अपने समर्थकों के प्रदर्शन से लेकर आलोचकों को सजा दिलाने तक पर बात की।
. कैपिटल हिल हिंसा के दोषियों को माफी
ट्रंप ने एनबीसी न्यूज को दिए इंटरव्यू में साफ किया कि अगले महीने राष्ट्रपति पद ग्रहण करने के दिन ही वे 2020 में कैपिटल हिल हिंसा में शामिल रहे अपने समर्थकों को माफी दे देंगे। गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप के बाइडन के खिलाफ चुनाव हारने के बाद उनके समर्थकों ने अमेरिकी संसद पर धावा बोल दिया था। ट्रंप समर्थक इस दौरान संसद में घुस आए थे और जमकर बवाल काटा था। इस दौरान कैपिटल हिल पर हिंसा की भी कई घटनाएं सामने आई थीं। तब अमेरिकी पुलिस और एजेंसियों ने कई लोगों को गिरफ्तार किया था और कुछ पर केस भी चलाए गए।
ट्रंप ने साफ किया कि वह हिंसा में शामिल हर किसी को माफी नहीं देंगे, खासकर बेवकूफ और कट्टरपंथियों को। हालांकि, उन्होंने पुलिस-प्रवर्तन अधिकारियों के उत्पीड़न में शामिल प्रदर्शनकारियों का बचाव करते हुए कहा कि उनके पास कोई चारा नहीं था।
2. शरणार्थियों के लिए जन्म से नागरिकता के नियम को बदलेंगे
ट्रंप ने कहा कि वह जन्म से मिलने वाले नागरिकता के नियम को भी बदल देंगे। बड़ी बात यह है कि यह अधिकार अमेरिका के संविधान के 14वें संशोधन के तहत दिया गया है, जिससे देश में जन्में हर व्यक्ति को अपने आप ही अमेरिकी नागरिकता मिल जाती है, फिर चाहे उसके माता-पिता किसी भी मूल के हों।
ट्रंप का यह वादा उनके लिए गले की फांस भी बन सकता है। दरअसल, अमेरिकी संविधान को बदलने के नियम काफी सख्त हैं। ऐसे में संसद और राज्यों के जरिए इन नियमों को बदलवाना अमेरिकी राष्ट्रपतियों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो सकता है। इसके बावजूद ट्रंप ने कहा कि हमें इसे खत्म करना होगा। रिपब्लिकन नेता ने दावा किया कि अमेरिका इकलौता देश है, जहां पर यह नियम है। जबकि दुनिया के 34 अन्य देशों में भी यह नियम हैं।
3. एफबीआई में बड़े बदलावों की पैरोकारी
इतना ही नहीं नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने अपने कार्यकाल में घरेलू जांच एजेंसी एफबीआई में भी बड़े बदलावों के संकेत दिए। ट्रंप ने कहा कि 2022 में उनके मार-ए-लागो स्थित आवास पर एफबीआई ने घुसपैठ की थी। उन्होंने एफबीआई निदेशक क्रिस्टोफर रे को इसके पीछे जिम्मेदार बताते हुए उन्हें निकालने की बात कही। गौरतलब है कि ट्रंप ने एफबीआई के अगले निदेशक के तौर पर भारतवंशी कश पटेल की नियुक्ति की है।
4. विरोधियों को जेल भेजने की धमकी
इंटरव्यू के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने 6 जनवरी 2020 की कैपिटल हिंसा की घटनाओं की जांच करने वाली सांसदों की समिति पर भी हमला बोला। खासकर ट्रंप ने लिज चेनी समेत विरोधी नेताओं को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, “जो कुछ उन्होंने किया, उन्हें इसके लिए जेल जाना चाहिए।” ट्रंप ने साफ किया कि वह अटॉर्नी जनरल या एफबीआई निदेशक को उनके खिलाफ जांच का आदेश नहीं देंगे। लेकिन उन्हें (अटॉर्नी जनरल और एजेंसियों) को खुद ही स्वतंत्र तौर पर इन मामलों को देखना चाहिए।