UNSC: क्या भारत की राह में फिर रोड़ा बनने की साजिश रचेगा पाकिस्तान? UNSC का अस्थायी सदस्य बनने के बाद उठे सवाल
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान को दो साल के लिए अस्थायी सदस्य के तौर पर जगह मिली है। पाकिस्तान बिल्कुल भी नहीं चाहेगा कि भारत परिषद का स्थायी सदस्य बने। इसे लेकर वह पहले ही साफ कर चुका है कि वह किसी भी नए स्थायी सदस्य को शामिल करने का कड़ा विरोध करेगा।
पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का अस्थायी सदस्य बन चुका है। बुधवार को उसने परिषद में जापान की जगह ले ली है। इसे लेकर सवाल उठने लगे हैं। माना जा रहा है कि पाकिस्तान भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता की राह में रोड़ा बनेगा? इसका संकेत पाकिस्तान की ओर से पहले ही दिया जा चुका है। पाकिस्तान के राजदूत कह चुके हैं कि वह परिषद में किसी भी नए स्थायी सदस्य को शामिल करने का विरोध करेगा। ऐसे में भारत को परिषद में जगह पक्की करने के लिए कूटनीति से काम लेना होगा।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान को दो साल के लिए अस्थायी सदस्य के तौर पर जगह मिली है। दक्षिण कोरिया भी परिषद का अस्थायी सदस्य बना है। उसका कार्यकाल भी दो साल का होगा। पाकिस्तान और दक्षिण कोरिया 1 जनवरी 2025 से लेकर 31 दिसंबर 2026 तक सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य चुने गए हैं। पाकिस्तान के पास जुलाई में परिषद की अध्यक्षता करने का भी मौका होगा। इसके जरिये उसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का एजेंडा तय करने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा पाकिस्तान को इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) और अलकायदा प्रतिबंध समिति में भी जगह मिली है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सीट मिलने के बाद पाकिस्तान भारत के लिए चुनौती बनेगा। क्योंकि पाकिस्तान का मुख्य एजेंडा कश्मीर मुद्दे पर बात करना होगा। पाकिस्तान के संयुक्त राष्ट्र में राजदूत मुनीर अकरम ने कहा कि हम कश्मीर मुद्दे को उजागर करना जारी रखेंगे और अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर ठोस कदम उठाने के लिए दबाव डालेंगे।
पाकिस्तान भारत के परिषद के स्थायी सदस्य बनने का भी विरोध कर सकता। पाकिस्तान बिल्कुल भी नहीं चाहेगा कि भारत परिषद का स्थायी सदस्य बने। इसे लेकर वह पहले ही साफ कर चुका है कि वह किसी भी नए स्थायी सदस्य को शामिल करने का कड़ा विरोध करेगा तथा इसके बजाय अस्थायी श्रेणी के विस्तार का पक्षधर होगा। साथ ही उसका लक्ष्य भारत के ग्लोबल साउथ की तरह मुस्लिम देशों की आवाज बनना है। हालांकि भारत का मौजूदा रिकॉर्ड ऐसा है कि वह आसानी से परिषद का स्थायी सदस्य बन सकता है। मगर पाकिस्तान की साजिश भारत की मुश्किल बढ़ा सकती है।
भारत कर रहा है UNSC में विस्तार की मांग
भारत लगातार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में विस्तार करने की मांग कर रहा है। भारत ने कई बार कहा है कि सुरक्षा परिषद में बदलाव की रफ्तार बेहद धीमी है और हम इससे बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं है। भारत यह भी जानता है कि पाकिस्तान द्वारा भारत और जी4 देशों ब्राजील, जर्मनी और जापान की सदस्यता का विरोध किया जा रहा है। हालांकि सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका भारत को परिषद में स्थायी सीट देने के लिए तैयार हैं। अब जब पाकिस्तान को परिषद में सीट मिली है तो वह भारत की मांग को धकेलने का कोई मौका नहीं छोड़ेगा।