Samosa Caucus: साल 2010 में हुई जनगणना के मुताबिक 25 साल से ज्यादा उम्र के 70 फीसदी भारतीय अमेरिकी लोग कॉलेज डिग्रीधारक हैं, जो कि अमेरिका के राष्ट्रीय औसत से ढाई गुना ज्यादा है।
भारतीय अमेरिकी सांसदों का एक अनौपचारिक ग्रुप है, जिसे समोसा कॉक्स के नाम से जाना जाता है। अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों के बढ़ते प्रभाव का ही असर है कि इस समोसा कॉक्स का लगातार विस्तार हो रहा है। बता दें कि समोसा कॉक्स यूएस हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स या फिर सीनेट में चुने गए डेमोक्रेटिक सांसदों का समूह है। अब इसमें एंटरप्रेन्योर से राजनेता बने श्री थानेदार ने नई एंट्री ली है। श्री थानेदार ने बीते साल के अंत में अमेरिका में हुए मिडटर्म चुनाव में जीत हासिल यूएस हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स के सदस्य बने थे। पहले इस समोसा कॉक्स में डेमोक्रेटिक सांसद डॉ. एमी बेरा, प्रमिला जयपाल, रो खन्ना और राजा कृष्णमूर्ति शामिल हैं।
अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों का समुदाय एक बड़ी ताकत बनकर उभरा है। बीते राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेट और रिपब्लिकन पार्टियों ने भारतीय मूल के लोगों को रिझाने के लिए काफी कवायद की थी। खासकर फ्लोरिडा, जोर्जिया, मिशिगन, नॉर्थ कैरोलिना, पेनसिल्वेनिया और टेक्सास में भारतीय समुदाय काफी प्रभावशाली है। अमेरिका समाज में भारतीय समुदाय तकनीक, विज्ञान, मेडिसिन और सैन्य क्षेत्र में तेजी से उभरा है।
कई भारतीय मूल के लोग दिग्गज कंपनियों जैसे माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, आईएमबी, मास्टरकार्ड में सीईओ का पद संभाल रहे हैं। साल 2010 में हुई जनगणना के मुताबिक 25 साल से ज्यादा उम्र के 70 फीसदी भारतीय अमेरिकी लोग कॉलेज डिग्रीधारक हैं, जो कि अमेरिका के राष्ट्रीय औसत से ढाई गुना ज्यादा है। अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि भारतीय अमेरिकी समुदाय देश का सबसे तेजी से तरक्की करने वाला समुदाय है। अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों की संख्या 40 लाख से ज्यादा है और अमेरिकी संसद में भी भारतीय मूल के लोगों का प्रतिनिधित्व लगातार बढ़ रहा है।
कमला हैरिस अमेरिका की सीनेट में शामिल होने वाली पहली भारतीय अमेरिकी महिला हैं। साल 2020 में कमला हैरिस ने अमेरिका के उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचकर इतिहास रच दिया है।