IND vs NZ: मुंबई में सिराज ने छह ओवर गेंदबाजी की…अश्विन रहे बेअसर, टीम इंडिया के क्लीन स्वीप होने के छह कारण
महान बल्लेबाजों की श्रेणी में आने वाले विराट कोहली और कप्तान रोहित शर्मा तो सीरीज में 100 रन भी नहीं बना पाए। सीरीज में 244 रन बनाने वाले न्यूजीलैंड के बल्लेबाज विल यंग प्लेयर ऑफ द सीरीज चुने गए। आइए जानते हैं कि इस सीरीज में भारत की हार के प्रमुख कारण क्या-क्या रहे…
स्पिन गेंदबाजी के शेर कहे जाने वाले भारतीय दिग्गज बल्लेबाज न्यूजीलैंड के स्पिनरों के आगे ऐसे ढेर हुए कि 3-0 से सीरीज सफाए का शर्मनाक इतिहास रचवा बैठे। वानखेड़े की जबरदस्त रूप से स्पिन हो रही पिच पर भारतीय बल्लेबाज रविवार को 147 रन के लक्ष्य को नहीं छू पाए। टीम 29.1 ओवर में महज 121 रन पर सिमट गई और 25 रन से तीसरा टेस्ट गंवा बैठी। भारतीय टीम 24 वर्ष बाद घर में सीरीज के सभी टेस्ट हारी है। इससे पहले दक्षिण अफ्रीका ने भारत से वर्ष 2000 में दो टेस्ट मैच की सीरीज 2-0 से जीती थी। यह 91 वर्ष में पहली बार है जब भारतीय टीम का अपने घर में सीरीज में 3-0 से सफाया हुआ है।
भारत ने अपनी धरती पर 1933 में पहली बार इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेली थी। भारतीय दिग्गज बल्लेबाजों ने न्यूजीलैंड के ऐसे स्पिनरों के आगे समर्पण किया, जिन्होंने अब तक टेस्ट क्रिकेट में सौ विकेट का आंकड़ा भी नहीं छुआ है। तीन वर्ष पूर्व वानखेड़े में एक पारी में 10 विकेट लेकर मैच में कुल 14 विकेट लेने वाले एजाज पटेल एक बार फिर यहां की पिच पर भारतीयों के लिए मुसीबत बने। उन्होंने 57 रन पर छह विकेट लेकर एक बार फिर मैच में 11 विकेट लिए और प्लेयर ऑफ द मैच बने। 57 गेंद में 64 रन बनाने वाले ऋषभ पंत को छोड़कर कोई भी भारतीय बल्लेबाज अपनी प्रतिष्ठा के मुताबिक बल्लेबाजी नहीं कर पाया। महान बल्लेबाजों की श्रेणी में आने वाले विराट कोहली और कप्तान रोहित शर्मा तो सीरीज में 100 रन भी नहीं बना पाए। सीरीज में 244 रन बनाने वाले न्यूजीलैंड के बल्लेबाज विल यंग प्लेयर ऑफ द सीरीज चुने गए।
1. रोहित का गलत फैसला
रोहित शर्मा की ओर से ओवरकास्ट कंडीशन में बंगलूरू टेस्ट में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी के फैसले ने पूरी सीरीज की दिशा बदल दी। भारत को 46 रन पर समेटने के बाद न्यूजीलैंड मनोवैज्ञानिक रूप से हावी हो गया। उसके बाद तो टीम ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। टीम इतनी आत्मविश्वास में दिखी कि उन्हें केन विलियम्सन तक की कमी नहीं हुई। विल यंग ने विलियम्सन की भरपाई की, तो जरूरत पड़ने पर पुछल्ले बल्लेबाजों ने भी रन जोड़े। भारतीय तेज गेंदबाज हों या स्पिनर्स, वह कीवी बल्लेबाजों के आगे बेअसर दिखे। वहीं, गेंदबाजी में कीवियों ने सूझबूझ वाला खेल दिखाया। वह लाइन लेंथ से नहीं भटके और हर भारतीय बल्लेबाज के लिए बनाए गए प्लान पर अमल किया।
2. स्पिन पिच का दांव पड़ा उल्टा
बंगलूरू की हार के बाद प्रबंधन ने पुणे और मुंबई में स्पिन पिच का दांव चला जो उल्टा पड़ा। 147 का लक्ष्य छोटा जरूर दिख रहा था, लेकिन पिच की स्थिति देखते हुए आसान नहीं था। हुआ भी यही, रोहित शर्मा अपनी आक्रामक रणनीति पर कायम रहे और फिर निराश किया। वह 11 गेंद में 11 रन बनाकर हेनरी की गेंद पर आउट हुआ। भारत का स्कोर इस दौरान 13 रन था। यहां से एजाज पटेल और फिलिप्स की स्पिन ने ऐसा कमाल किया कि भारत ने 16 रन के अंतराल में पांच विकेट खो दिए। शून्य पर 13 से स्कोर पांच विकेट पर 29 रन हो गया। शुभमन (1), विराट (1), यशस्वी (5), सरफराज (1) तू चल मैं आया वाली श्रेणी में शामिल हो गए। आलम यह है कि टीम इंडिया को आगे किसी घरेलू सीरीज में स्पिन पिच बनाने से पहले 10 बार सोचना होगा।
3. दिग्गजों का फ्लॉप शो
दिग्गज विराट और रोहित अपने प्रदर्शन से टीम के आगे उदाहरण नहीं रख पाए। विराट ने तीन टेस्ट में 15.5 की औसत से 93 और रोहित ने 15.16 की औसत से 91 रन बनाए। इन दोनों का न चलना और खराब शॉट खेलकर आउट होने ने बाकी बल्लेबाजों पर दबाव बनाया। अगर टीम के दो दिग्गज बल्लेबाज जल्दी आउट हो रहे तो यह तो है ही कि बाकी बल्लेबाज यह सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि क्या वाकई पिच मुश्किल है। ऐसा ही हुआ भी। एक-एक करते सभी बल्लेबाज वापस पवेलियन लौटते गए। ऋषभ पंत और कुछ हद तक शुभमन गिल को छोड़कर किसी बल्लेबाज ने पिच पर खड़े होकर धैर्य के साथ खेलने की जहमत नहीं दिखाई।
4. अश्विन रहे बेअसर
बांग्लादेश के खिलाफ अश्विन का गेंद और बल्ले दोनों से प्रभाव रहा था, लेकिन इस सीरीज में वह कुछ खास नहीं कर पाए। उन्होंने एक बार भी पारी में पांच विकेट नहीं मिला। अश्विन के लिए यह घरेलू टेस्ट सीरीज कुछ खास नहीं रही। उन्होंने तीन टेस्ट में नौ विकेट लिए। इस दौरान उनका गेंदबाजी औसत 41.22 का रहा। यह किसी घरेलू टेस्ट सीरीज में अश्विन का दूसरा सबसे खराब गेंदबाजी औसत है। 2012/13 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में उनका गेंदबाजी औसत 52.64 का रहा था। यही वो दो घरेलू सीरीज हैं जिसमें टीम इंडिया का प्रदर्शन भी खराब रहा है। भारत ने ये दोनों सीरीज गंवाए हैं। यानी अश्विन अगर किसी घरेलू सीरीज में अच्छी गेंदबाजी नहीं करते तो इसका सीधा असर टीम इंडिया पर पड़ता है। अश्विन ने अब तक अपने करियर में यही दो घरेलू टेस्ट सीरीज गंवाए भी हैं।
5. बाएं हाथ के स्पिनर बने चुनौती
बाएं हाथ के स्पिनर भारत के लिए एक बार फिर चुनौती बन गए। मिचेल सेंटनर ने पुणे टेस्ट में 13 और एजाज पटेल ने मुंबई में 11 विकेट लेकर भारतीय बल्लेबाजों की स्पिन के आगे पोल खोल दी। यह तो अच्छी बात थी कि मुंबई टेस्ट में सैंटनर नहीं खेल रहे थे, वरना हाल और बुरा हो सकता था। जितनी आसानी से पंत एजाज को खेल रहे थे, बाकी बल्लेबाज उतनी ही मुश्किल में दिख रहे थे। सैंटनर और एजाज ने भारतीय बल्लेबाजों को गलती करने पर मजबूर किया।
6. कप्तान रोहित और कोच गंभीर की रणनीतिक चूक
इतना ही नहीं रोहित से रणनीतिक चूक भी हुई। बंगलूरू में तेज गेंदबाजों की मददगार पिच पर उन्होंने तीन स्पिनर खिलाए। उस मैच में भारतीय गेंदबाज मजबूर दिखे। वहीं, पुणे और मुंबई में स्पिन की मददगार पिच पर सिर्फ तीन स्पिनर्स खिलाए। बाकी के दो तेज गेंदबाजों को गेंदबाजी का उतना मौका भी नहीं मिला। टीम मैनेजमेंट चार स्पिनर्स के साथ उतर सकता था। खासतौर पर मुंबई में सिराज ने दोनों पारियों को मिलाकर छह ओवर गेंदबाजी की। ऐसे में एक अतिरिक्त स्पिनर के खेलने से दांव पलट सकता था।
पूर्व क्रिकेटरों का फूटा टीम पर गुस्सा
महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने कहा, ‘घर में 0-3 से हारना बहुत मुश्किल है। हमें इसके लिए आत्मनिरीक्षण की जरूरत है। क्या यह हमारी तैयारी की कमी थी। क्या हमारे बल्लेबाजों यह खराब शॉट चयन था और या मैच से पहले अभ्यास की कमी थी।’ वहीं, पूर्व बल्लेबाज युवराज सिंह ने लिखा- टी-20 विश्वकप में जीत के कुछ ही महीनों बाद, हमें ऐतिहासिक सफाया का सामना करना पड़ा। यही इस खेल की खूबसूरती है। ऑस्ट्रेलिया सीरीज के साथ आगे और भी बड़ी परीक्षाएं हैं और आगे बढ़ने का तरीका आत्मनिरीक्षण करना, सीखना और आगे देखना है।
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने लिखा, ‘भारत में जीतना अविश्वसनीय है, लेकिन सफाया करना किसी टीम के लिए उल्लेखनीय है। यह अब तक की सबसे बड़ी टेस्ट सीरीज जीत है। भारत के पास अब बल्लेबाजों का एक ऐसा समूह है जो स्पिन के खिलाफ ज्यादातर टीमों की तरह संघर्ष करता है। वहीं, पूर्व भारतीय ऑलराउंडर इरफान पठान ने लिखा- घर मे भारतीय टीम का यह शर्मनाक प्रदर्शन है। टीम प्रबंधन को इस पर बहुत विचार करना चाहिए। न्यूजीलैंड को इस शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई।