हमास एक फलस्तीनी इस्लामी आतंकवादी समूह है, जिसने साल 2007 से गाजा पट्टी पर शासन किया है। गाजा पट्टी में करीब 23 लाख लोग रहते हैं। यह 41 किमी लंबा और 10 किमी चौड़ा क्षेत्र है जो , मिस्र और भूमध्य सागर से घिरा हुआ है।
आतंकी संगठन हमास और इस्राइल के बीच संघर्ष जारी है। इन हमलों में अभी तक एक हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। हमास के हमलों के बाद भारतीय अमेरिकी इस्राइल के पक्ष में उतर आए हैं। राष्ट्रपति पद के चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी की ओर से दो उम्मीदवारों निक्की हेली और विवेक रामास्वामी समेत भारतीय मूल के अमेरिकियों ने कहा कि हम इस्राइल के साथ हैं।
गौरतलब है, आतंकी संगठन हमास ने गाजा से शनिवार की सुबह अचानक इस्राइली शहरों पर ताबड़तोड़ रॉकेट दाग दिए थे। यही नहीं, हमास के बंदूकधारी इस्राइली शहरों में भी घुस गए और कुछ सैन्य वाहनों पर कब्जा कर हमले किए। कई इस्राइली सैनिकों को बंधक भी बना लिया। इस पर इस्राइली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने हमास के प्रमुख बुनियादी ढांचे को निशाना बनाते हुए कई जवाबी हवाई हमले किए। संघर्ष में अभी तक कुल एक हजार से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।
हमास, हिजबुल्लाह, हूती और ईरानी…
रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हेली ने कहा, ‘हमास और उनका समर्थन करने वाले समर्थक, ईरानी शासन इस्राइल मुर्दाबाद, अमेरिका मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे। यही हमें याद रखना चाहिए। हम इस्राइल के साथ हैं क्योंकि हमास, हिजबुल्लाह, हूती और ईरानी समर्थक हमसे नफरत करते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हमें याद रखना होगा कि जो इस्राइल के साथ हुआ वह यहां अमेरिका में भी हो सकता है। मुझे उम्मीद है कि हम सभी एकजुट होंगे और इस्राइल के साथ खड़े होंगे क्योंकि उन्हें सही में अभी हमारी जरूरत है।’ हेली ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से हमास को खत्म करने को कहा।
साल 2007 से गाजा पट्टी पर शासन कर रहा हमास
बता दें, हमास एक फलस्तीनी इस्लामी आतंकवादी समूह है, जिसने साल 2007 से गाजा पट्टी पर शासन किया है। गाजा पट्टी में करीब 23 लाख लोग रहते हैं। यह 41 किमी लंबा और 10 किमी चौड़ा क्षेत्र है जो , मिस्र और भूमध्य सागर से घिरा हुआ है।
अमेरिका ले हमले से सबक
एक अन्य भारतीय-अमेरिकी रिपब्लिकन उम्मीदवार रामास्वामी ने कहा कि अमेरिका को इस्राइल पर हुए हमले से सबक सीखना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस हमले से समझा जा सकता है कि अमेरिका अपनी सीमाओं की रक्षा को लेकर एक दम निश्चिंत नहीं रह सकता है।
उन्होंने कहा, ‘अगर हमला अचानक से इस्राइल में हो सकता है तो यहां भी हो सकता है। हमारी सीमा पर भी हमले होने के लिए थोड़े थोड़े रास्ते खुले हुए हैं। दक्षिणी सीमा की हालत तो बिल्कुल खराब है। मैंने कल उत्तरी सीमा का दौरा किया, जहां सुरक्षा मजबूत नहीं है। यहां आक्रमण हो सकता है।’ रामास्वामी ने कहा, ‘हम इन हमलों को नजरअंदाज नहीं कर सकते। हमें इस्राइल पर हुए हमलों को अपने देश में खतरे की घंटी के रूप में लेना चाहिए।’
इस्राइल के साथ हैं हम
यूएस इंडिया स्ट्रैटेजिक एंड पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) के अध्यक्ष और सीईओ मुकेश अघी ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, ‘मैं इस्राइल के साथ खड़ा हूं।’ भारतीय-अमेरिकी समुदाय के नेता भरत बराय ने कहा कि हमास और हिजबुल्ला दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठन हैं। उन्होंने कहा, ‘हमला करने, निर्दोष नागरिकों की हत्या, अपहरण और अत्याचार करने वाले इस क्रूर आतंकवादी संगठन को नष्ट करने का इस्राइल को पूरा अधिकार है। पूरी दुनिया को हमास की निंदा करनी चाहिए।’
अपनी रक्षा करने का अधिकार
समुदाय के नेता अजय जैन भुटोरिया ने कहा कि इस्राइल के लोगों पर हमास द्वारा किए गए आतंकवादी हमले भयानक हैं। उन्होंने कहा, ‘ इस तरह के हमले पूरी तरह अस्वीकार्य हैं। हम इस्राइल के साथ खड़े हैं और अपनी रक्षा करने के उसके अधिकार का पूरा समर्थन करते हैं। हमारी संवेदनाएं इससे प्रभावित सभी लोगों के साथ हैं।’ वहीं, भारतीय अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि अमेरिका इस आतंकी हमले के खिलाफ इस्राइल के लोगों के साथ स्पष्ट रूप से खड़ा है और अपनी रक्षा करने के उसके अधिकार का पुरजोर समर्थन करता है।
भारतीय अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने कहा कि हमास द्वारा इस्राइली महिलाओं और बच्चों के खिलाफ किए गए हमले अमानवीय अपराध और भयावह हैं। उन्होंने कहा कि वह इस समय इस्राइल के लोगों के साथ एकजुटता से खड़े हैं। हमास के आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हुए भारतीय अमेरिकी सांसद डॉ. एमी बेरा और भारतीय अमेरिकी सांसद थानेदार ने कहा, ‘अमेरिका इस्राइल के साथ मजबूती से खड़ा है।’