2+2 वार्ता: ‘भारत-अमेरिका का अपने सहयोग को और मजबूत करने पर जोर’, अमेरिकी रक्षा मंत्रालय का बयान

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अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने बताया कि मंगलवार को भारत-अमेरिका 2+2 इंटरसेशनल वार्ता आयोजित हुई। इस दौरान, अधिकारियों ने हिंद महासागर क्षेत्र में संयुक्त समुद्री संबंधों के साथ-साथ अंतरिक्ष और साइबर डोमेन में सहयोग के विस्तार पर भी बात की।

अमेरिका और भारत के बीच बीते कुछ वर्षों में व्यापार के साथ सैन्य रिश्ते भी तेजी से मजबूत हुए हैं। दोनों ही देशों ने स्वतंत्र हिंद-प्रशांत और चीन के खतरे के मद्देनजर अलग-अलग क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना भी जारी रखा है। अब संबंधों को नई गति देने के लिए दोनों देशों के अधिकारियों ने आंतरिक क्षमता व लॉजिस्टिक सहयोग को और मजबूत करने के लिए चर्चा की।  

2+2 इंटरसेशनल वार्ता

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने बताया कि मंगलवार को भारत-अमेरिका 2+2 इंटरसेशनल वार्ता आयोजित हुई। इस दौरान, अधिकारियों ने हिंद महासागर क्षेत्र में संयुक्त समुद्री संबंधों के साथ-साथ अंतरिक्ष और साइबर डोमेन में सहयोग के विस्तार पर भी बात की।

इन लोगों ने किया नेतृत्व

भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव वाणी राव और रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव विश्वेश नेगी ने किया। वहीं, अमेरिका का नेतृत्व हिंद-प्रशांत सुरक्षा मामलों के सहायक रक्षा मंत्री डॉ. एली रैटनर और दक्षिण एवं मध्य एशियाई मामलों के सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू ने किया।

रणनीतिक प्राथमिकताओं पर भी चर्चा

पेंटागन के एक बयान में कहा गया कि अधिकारियों ने क्षेत्रीय सुरक्षा विकास और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक प्राथमिकताओं पर भी चर्चा की। वार्ता में रक्षा एवं सुरक्षा, उभरती प्रौद्योगिकियों, लोगों के बीच संबंध, स्वच्छ ऊर्जा और आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन सहित अमेरिका-भारत साझेदारी के दायरे में महत्वाकांक्षी पहलों की एक विस्तृत श्रृंखला को आगे बढ़ाया।

रक्षा पक्ष पर, रैटनर और उनके समकक्षों ने अमेरिका-भारत रक्षा औद्योगिक सहयोग के लिए रोडमैप को लागू करने में दोनों देशों द्वारा की गई प्रगति की समीक्षा की। बयान में कहा गया है कि उन्होंने नई सह-उत्पादन पहलों पर प्रगति का स्वागत किया और आपूर्ति व्यवस्था की सुरक्षा और पारस्परिक रक्षा खरीद समझौतों पर बातचीत को तेजी से पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध जताई।।

इसमें कहा गया है कि अधिकारियों ने अमेरिका-भारत संबंधों में परिवर्तनकारी गति को रेखांकित किया और इस बात की पुष्टि की कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा और समृद्धि बनाए रखने के लिए दोनों देशों के बीच मजबूत साझेदारी आवश्यक है। पेंटागन ने कहा कि रैटनर ने स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए साझा दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए भारत के साथ काम करने की रक्षा विभाग की प्रतिबद्धता पर सहमति जताई।