G-20 Summit: जहां पीएम मोदी कर रहे विदेशी नेताओं का स्वागत, वहां कोणार्क चक्र का प्रदर्शन

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विदेशी मेहमानों को भारत की पारंपरिक कला और संस्कृति की झलक के साथ यहां प्रौद्योगिकी व तकनीक का बेजोड़ मेल लुभाएगा।

जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए पीएम मोदी ने विदेशी नेताओं और अहम संगठनों के प्रमुखों का स्वागत किया। इस दौरान पीएम मोदी जहां इन शख्सियतों के साथ तस्वीर खिंचा रहे थे, वहां का बैकग्राउंड काफी खास रहा। दरअसल, फोटो में पीछे एक बडे़ से पहिए को लगा देखा जा सकता है। बताया गया है कि यह ओडिशा का कोणार्क चक्र है, जिसके जी-20 समिट में प्रदर्शन के कई अहम मायने हैं।

क्या हैं कोणार्क चक्र के मायने?
कोणार्क चक्र को 13वीं सदी में राजा नरसिंहदेव-प्रथम के शासन में बनाया गया था। 24 तीलियों वाले इस चक्र को भारत के राष्ट्रीय झंडे में भी इस्तेमाल किया गया। विश्लेषकों के मुताबिक, यह चक्र भारत के प्राचीन ज्ञान, उन्नत सभ्यता और स्थापत्य उत्कृष्टता को दर्शाता है। 

इतना ही नहीं कोणार्क चक्र लगातार बढ़ते समय की गति, कालचक्र के साथ-साथ प्रगति और निरंतर परिवर्तन का प्रतीक है। यह लोकतंत्र के पहिये के एक शक्तिशाली प्रतीक के रूप में कार्य करता है, जो लोकतांत्रिक आदर्शों के लचीलेपन और समाज में प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।