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16 साल में पहली बार ग्रुप चरण से बाहर हुई मेजबान टीम, गत चैंपियन पाकिस्तान से कहां हुई चूक?

मोहम्मद रिजवान की अगुआई वाली पाकिस्तान टीम शुरुआत के दोनों ही मुकाबले में चुनौती पेश नहीं कर सकी और उसने कई गलतियां की जिसका खामियाजा भुगतना पड़ा।

गत चैंपियन और मेजबान पाकिस्तान का सफर चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में ग्रुप चरण में ही थम गया है। न्यूजीलैंड की बांग्लादेश पर पांच विकेट से जीत के साथ ही पाकिस्तान की सभी उम्मीदें खत्म हो गई और ग्रुप ए से भारत तथा न्यूजीलैंड सेमीफाइनल में पहुंचने में सफल रहे। मोहम्मद रिजवान की अगुआई वाली पाकिस्तान टीम शुरुआत के दोनों ही मुकाबले में चुनौती पेश नहीं कर सकी और उसने कई गलतियां की जिसका खामियाजा भुगतना पड़ा। दिलचस्प बात यह है कि 19 फरवरी को इस आईसीसी टूर्नामेंट की शुरुआत हुई और छह दिन बाद ही मेजबान टीम का सफर खत्म हो गया। 

सईम की चोट ने डाला असर 
पाकिस्तान को टूर्नामेंट शुरू होने से पहले उस वक्त झटका लगा था जब उसके स्टार ओपनर सईम अयूब चोट से उबर नहीं सके और चैंपियंस ट्रॉफी से बाहर हो गए। उनकी जगह टीम में शामिल किए गए फखर जमां न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले मैच की दूसरी ही गेंद पर फील्डिंग के दौरान चोटिल हो गए जिससे भारत के खिलाफ मैच के लिए उपलब्ध नहीं हो सके। गेंदबाजी विभाग भी उतना प्रभावशाली नहीं रहा क्योंकि तेज गेंदबाज शाहीन अफरीदी और नसीम शाह विपक्षी टीम के बल्लेबाजों के लिए परेशानी खड़ी नहीं कर सके। 

विशेषज्ञ स्पिनरों की कमी 
पाकिस्तान की टीम में अबरार अहमद के तौर पर सिर्फ एक विशेषज्ञ गेंदबाज था, लेकिन उनका समर्थन करने के लिए दूसरे छोर पर स्पिनर की कमी थी। यह भी पाकिस्तान के खराब प्रदर्शन का एक कारण रहा। टूर्नामेंट शुरू होने से पहले पाकिस्तान ने अपने घरेलू मैदान पर दक्षिण अफ्रीका और पाकिस्तान के खिलाफ त्रिकोणीय सीरीज में हिस्सा लिया था, लेकिन फाइनल में उसे हार मिली थी। कागजों में यह टीम कमजोर दिख रही थी, लेकिन माना जा रहा था कि घरेलू परिस्थितियों में पाकिस्तान कुछ दम दिखा सकता है। रिजवान की टीम हालांकि किसी विभाग में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई। 

न्यूजीलैंड-भारत के खिलाफ नहीं पेश कर सके चुनौती 
न्यूजीलैंड ने पाकिस्तान के खिलाफ मैच में 320 रनों का स्कोर खड़ा किया जिसमें विल यंग और कप्तान टॉम लाथम ने शतक जड़े। दूसरे मैच में पाकिस्तान का सामना भारत से हुआ जिसमें टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया। बाबर आजम और इमाम उल हक ने टीम को अच्छी शुरुआत भी दिलाई, लेकिन पाकिस्तान इसका फायदा उठाने में असफल रहा। भारतीय गेंदबाजों ने पाकिस्तान को 241 रन के स्कोर पर ही रोका और लक्ष्य का पीछा करते हुए विराट कोहली ने सामने मोर्चा संभाला और 43.2 ओवर ही लक्ष्य हासिल कर लिया। यूं तो पाकिस्तान की उम्मीदें दो मैच हारने के साथ ही खत्म हो गई थी, लेकिन उसकी संभावनाओं को पूरी तरह समाप्त न्यूजीलैंड की बांग्लादेश पर जीत ने कर दिया। 

पाकिस्तान ने बनाया अनचाहा रिकॉर्ड
पाकिस्तान ने इसके साथ ही कुछ अनचाहे रिकॉर्ड अपने नाम कर लिए हैं। 2009 के बाद यह पहली बार है जब चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबान टीम ग्रुप चरण से ही बाहर हो गई है। आखिरी बार ऐसा दक्षिण अफ्रीका के साथ हुआ था जब टीम ने तीन में से दो मैच हारे और एक में उसे जीत मिली थी। दक्षिण अफ्रीका की टीम उस वक्त ग्रुप में सबसे नीचे रही थी।

इतना ही नहीं पाकिस्तान ऐसी चौथी टीम है जो चैंपियंस ट्रॉफी में खिताब का बचाव करने उतरी, लेकिन ग्रुप चरण में ही बाहर हो गई। पहली बार ऐसा 2004 में हुआ जब भारत और श्रीलंका ग्रुप चरण में ही बाहर हो गई थी। भारत और श्रीलंका 2002 में इस टूर्नामेंट के संयुक्त विजेता बने थे। आखिरी बार 2013 में ऐसा हुआ था जब गत चैंपियन टीम ग्रुप चरण में बाहर हो गई थी। उस वक्त ऑस्ट्रेलिया कोई मैच नहीं जीत सकी थी। पाकिस्तान अब अपना अंतिम मैच बांग्लादेश के खिलाफ 27 फरवरी को रावलपिंडी में खेलेगी।

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