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राष्ट्रपति बनते ही सबसे पहले कौन-से बड़े फैसले लेंगे ट्रंप? अवैध अप्रवासन-सीमा सुरक्षा पर फोकस

कार्यकारी आदेश, राष्ट्रपति द्वारा जारी आदेश होता है, जिसकी कानून के बराबर ताकत होती है। कार्यकारी आदेश को लागू करने के लिए संसद की मंजूरी की जरूरत नहीं होती। हालांकि अदालत में इन्हें चुनौती दी जा सकती है। 

अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के तुरंत बाद डोनाल्ड ट्रम्प कड़े फैसले लेने जा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप पहले ही दिन करीब 100 कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करेंगे। जिन कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए जाएंगे, उनमें आव्रजन, सीमा सुरक्षा, ऊर्जा और शासन से संबंधित आदेश शामिल हो सकते हैं। ट्रंप के एक करीबी नेता ने यह दावा किया है। उल्लेखनीय है कि कार्यकारी आदेश, राष्ट्रपति द्वारा जारी आदेश होता है, जिसकी कानून के बराबर ताकत होती है। कार्यकारी आदेश को लागू करने के लिए संसद की मंजूरी की जरूरत नहीं होती। हालांकि अदालत में इन्हें चुनौती दी जा सकती है। 

पहले ही दिन इन अहम आदेशों पर हस्ताक्षर करेंगे ट्रंप
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप और उनकी टीम अपने एजेंडे को लागू करने में काफी तत्पर है और उसी के तहत आव्रजन, ऊर्जा और सरकारी भर्ती नीतियों में बड़े बदलाव करने वाले आदेश जारी करने की तैयारी है। ट्रम्प सरकार में व्हाइट हाउस डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ़ पद की जिम्मेदारी संभालने जा रहे स्टीफ़न मिलर ने बताया कि कार्यकारी आदेशों के तहत दक्षिणी सीमा पर आपातकाल घोषित करने, सीमाओं पर सैन्य तैनाती , तस्करों को ‘विदेशी आतंकवादी संगठन’ घोषित किया जाएगा। साथ ही ‘मेक्सिको में बने रहो’ नीति को बहाल करना, ‘पकड़ो और छोड़ो’ नीति को समाप्त करना और ऊर्जा से संबंधित आपातकाल घोषित करना शामिल होगा।

बाइडन प्रशासन के कुछ फैसलों को भी पलटेंगे
इनके अलावा आर्कटिक ड्रिलिंग को खोलना, पाइपलाइन लाइसेंसिंग/निर्माण में तेजी लाना, सरकारी कर्मचारियों को हटाने के लिए सुधार आदि भी शामिल हैं। मिलर ने कहा, ‘वह (ट्रंप) हमेशा हम सभी के लिए लड़ते रहे हैं। इसका मतलब है कि हमारे लोगों को शिकार बनाने वाले आपराधिक गिरोहों और विदेशी गिरोहों का खात्मा होगा। इसका मतलब है कि हर अमेरिकी नागरिक को न्याय मिलेगा, जिसने किसी अवैध विदेशी के कारण अपने प्रियजन को खो दिया है।’ ट्रंप कार्यकारी आदेश के तहत निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन के कुछ फैसलों को भी पलट देंगे, जिनमें जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौता, जीवाश्म ईंधन उत्पादन पर प्रतिबंध हटाना और घरेलू तेल ड्रिलिंग का विस्तार करना प्रमुख हैं।

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