उत्तराखंड

पंचायत चुनाव में इस बार खर्च की होगी सख्त निगरानी, राज्य निर्वाचन आयोग ने पूरी की तैयारी

राज्य निर्वाचन आयोग ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारी पूरी कर ली है। पंचायत प्रत्याशियों के खर्च की सीमा पहले ही संशोधित की जा चुकी है।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इस बार खर्च की सख्त निगरानी की जाएगी। इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। सभी जिलों के बैलेट पेपर भी प्रकाशित कराए जा चुके हैं।निकाय चुनाव में आयोग ने जिलावार पर्यवेक्षक तैनात किए थे।

इन पर्यवेक्षकों ने प्रत्याशियों के खर्च का मिलान किया था। सभी प्रत्याशियों से खर्च का ब्योरा लिया गया था। जिन्होंने नहीं दिया था उनके खिलाफ कार्रवाई आयोग के स्तर पर चल रही है। अब आयोग त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भी खर्च की सख्त निगरानी की तैयारी कर रहा है।

आयोग के अधिकारी ने बताया कि खर्च की निगरानी के लिए पर्यवेक्षकों के साथ ही जिलावार भी हिसाब लिया जाएगा। खर्च का मिलान भी किया जाएगा। चूंकि इस बार प्रधान से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष तक के प्रत्याशियों के लिए खर्च की सीमा बढ़ा दी गई है। सभी प्रत्याशियों से ये अपेक्षा की गई है कि वे इस सीमा के भीतर ही खर्च करें।

इस बार चुनाव खर्च सीमा में ये हुए हैं बदलाव

पद दरें पहले दरें अब
सदस्य, ग्राम पंचायत10,00010,000
उप प्रधान15,00015,000
प्रधान50,00075,000
सदस्य, क्षेत्र पंचायत50,00075,000
सदस्य, जिला पंचायत1,40,0002,00,000
कनिष्ठ उप प्रमुख50,00075,000
ज्येष्ठ उप प्रमुख60,0001,00,000
प्रमुख, क्षेत्र पंचायत1,40,0002,00,000
उपाध्यक्ष, जिला पंचायत2,50,0003,00,000
अध्यक्ष, जिला पंचायत3,50,0004,00,000

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