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खुद बर्फ के बवंडर से निकले, फिर लोडर किया स्टार्ट…31 जिंदगियों के लिए ऐसे देवदूत बना चालक

बर्फीले जलजले ने माणा कैंप के पास कंटेनरों में सो रहे 55 मजदूरों को झकझोर दिया। यह उनके लिए जीवन का सबसे भयानक मंजर रहा। चीन सीमा पर माणा के पास बीते शुक्रवार को हिमस्खलन की चपेट में आए सभी लोगों को ढूंढ लिया गया है, जिसमें से 46 सुरक्षित हैं, जबकि आठ की मौत हो गई।

माणा गांव के पास हुए हिमस्खलन के दौरान लोडर चालक (बर्फ हटाने वाला वाहन) खुद बर्फ के बवंडर से बचकर निकला और 31 मजदूरों के लिए भी देवदूत बनकर आया। लोडर चालक ने 31 मजदूरों को जब सुरक्षित जगह पहुंचाया तो इसके बाद फिर जबरदस्त हिमस्खलन हुआ लेकिन तब तक सभी लोग वहां से सुरक्षित निकल चुके थे।

माणा के पास हिमस्खलन के दौरान लोडर चालक लड्डू कुमार पंडित ने सूझबूझ का परिचय दिया। लड्डू कुमार ने बताया कि वह टिन शेड में रह रहे थे जिसमें 23 लोग थे। सुबह करीब सात बजे कोई शौचालय में था तो कोई अन्य काम में लगा हुआ था।

अचानक बर्फ का भारी बवंडर आया और हम सभी उसमें दब गए। वह किसी तरह बर्फ से निकले और बाहर आकर लोडर को स्टार्ट किया। तब तक अन्य लोग भी बर्फ से बाहर आ गए और सब लोडर में बैठकर आगे बढ़ने लगे। बताया कि थोड़े आगे जाने के बाद अन्य आठ लोग भी हमारे साथ आ गए।

जैसे ही हम कुछ दूरी पर आगे बढ़े फिर बर्फ का भयंकर बवंडर आया। यदि हम जल्दी नहीं निकलते तो सभी उसमें दब जाते।

उन्होंने बताया कि कुछ आगे चलने पर सेना का खाली कैंप है जिसमें आठ लोगों को ठहराया और फिर हम 23 लोग शेष नेत्र आश्रम पहुंचे। यहां चार से पांच फीट बर्फ थी। यहां से बर्फ हटाई गई और आश्रम का ताला तोड़कर अंदर गए।

Chamoli Avalanche loader driver who escaped from the snow storm himself saved 31 lives

कुछ देर रुकने के बाद हम लोडर में बैठकर बीआरओ के कैंप में पहुंचे। दूसरे दिन उन्हें हेलिकॉप्टर से ज्योतिर्मठ लाया गया। 

Chamoli Avalanche loader driver who escaped from the snow storm himself saved 31 lives

श्रमिक राम कुमार व धीरज ने बताया कि उनके साथियों को चोटें आई हैं जिसमें एक के पैर में तो एक के सिर पर बड़ा घाव हुआ है। चोट कैसे लगी यह पता ही नहीं चला। सब कुछ इतनी जल्दी हो गया कि कुछ समझ नहीं आया। हमारे साथ अन्य सभी लोग सुरक्षित हैं।

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