ईरान की धमकी के बीच इस्राइल को मिला अमेरिका का साथ, भूमध्य सागर में तैनात किए विमानवाहक पोत
अमेरिकी रक्षा सचिव ने सभी पोतों को अपनी गति बढ़ाने के लिए कहा है। मध्य पूर्व के सैन्य कमांडर ने जानकारी दी कि एफ-35 सी और एफ/ए-18 ब्लॉक तीन लड़ाकू विमानों से लैस यूएसएस अब्राहम लिंकन ने अमेरिकी सेंट्रल कमांड वाले क्षेत्र में प्रवेश किया।
हमास नेता इस्माइल हानिया की हत्या के बाद ईरान की ओर से हमले की धमकी मिलने के बाद अमेरिका ने इस्राइल की मदद के लिए हाथ बढ़ाए हैं। अमेरिका ने भूमध्य सागर क्षेत्र में यूएसएस अब्राहम लिंकन विमानवाहक पोत समेत दो विध्वंसक पोत तैनात किए हैं। अब भूमध्य सागर क्षेत्र में अमेरिका के दो विमानवाहक पोत हो गए हैं।
अमेरिकी रक्षा सचिव ने सभी पोतों को अपनी गति बढ़ाने के लिए कहा है। मध्य पूर्व के सैन्य कमांडर ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि एफ-35 सी और एफ/ए-18 ब्लॉक तीन लड़ाकू विमानों से लैस यूएसएस अब्राहम लिंकन ने अमेरिकी सेंट्रल कमांड वाले क्षेत्र में प्रवेश किया। उन्होंने कहा कि इस समय भूमध्य सागर क्षेत्र में प्रमुख जहाज यूएसएस अब्राहम लिंकन, डेस्ट्रॉयर स्क्वाड्रान और कैरियर एयर विंग मौजूद हैं। अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड आस्टिन ने यूएसएस अब्राहम लिंकन को क्षेत्र में तैनाती का निर्देश देने के साथ ही भूमध्य सागर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ने के लिए कहा था।
इस्माइल हानिया की मौत से बढ़ा तनाव
पिछले दिनों ईरान ने तेहरान में हमास नेता को निशाना बनाने के लिए बदला लेने का एलान कर दिया था। हाल ही में इस्राइल ने हिजबुल्ला के एक शीर्ष कमांडर को भी बेरूत में ढेर कर दिया था। ऐसे में हिजबुल्ला भी इस्राइल पर हमले की फिराक में हैं। माना जा रहा है कि हिजबुल्ला और ईरान एक साथ इस्राइल पर हमला कर सकते हैं। यही वजह है कि पश्चिम एशिया में तनाव चरम पर है। इसलिए अमेरिका ने इस्राइल की मदद के लिए पश्चिम एशिया में अपने युद्धपोत और लड़ाकू विमानों का बेड़ा भी भेजा है।
वहीं अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पिछले दिनों कहा था कि संयुक्त राज्य अमेरिका ईरानियों को प्रोत्साहित करेगा और मुझे पता है कि कई लोग पहले से उस रास्ते पर नहीं जाना चाहते हैं, क्योंकि इसका परिणाम काफी विनाशकारी हो सकता है, विशेष रूप से ईरान के लिए।’