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इस यात्राकाल में 14 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने किए दर्शन, इन कारणों से कम रही संख्या

पिछले दो सालों की तुलना में इस बार श्रद्धालुओं की संख्या कम रही। यात्रा का रविवार को बदरीनाथ के कपाट बंद होने के साथ समापन हो गया है।

बदरीनाथ धाम के कपाट रविवार को शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। हालांकि, पिछले दो साल की तुलना में इस साल श्रद्धालुओं की संख्या में काफी कमी आई है, मगर श्रद्धालुओं में खूब उत्साह रहा। एक माह में धाम में तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए, जबकि इस यात्राकाल में 14 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचे।

इस साल 12 मई को बदरीनाथ धाम की यात्रा शुरू हुई थी और 17 नवंबर को कपाट बंद कर दिए गए। 190 दिन चली यात्रा में इस साल 14 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचे, जबकि 2023 में 18 लाख 42 हजार 19 और 2022 में 17 लाख 60 हजार 646 श्रद्धालु बदरीनाथ पहुंचे थे।

हालांकि, पिछले साल की तुलना में इस साल 12 प्रतिशत तो 2022 की तुलना में आठ प्रतिशत श्रद्धालुओं की संख्या कम रही। वर्ष 2023 में 16 हजार श्रद्धालुओं ने बदरीनाथ के दर्शन किए थे। इस साल आखिरी एक माह में श्रद्धालुओं की संख्या में खासा इजाफा देखने को मिला।

बीते 16 अक्तूबर को धाम में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 11,33,926 थी, जो 17 नवंबर को कपाट बंद होने पर 14 लाख से अधिक पहुंच गई।

पंजीकरण और यात्रियों की संख्या सीमित करना रहा कारण
इस साल धाम में श्रद्धालुओं की संख्या कम होने के पीछे कई कारण माने जा रहे हैं। पिछले साल धाम की यात्रा 27 अप्रैल को शुरू हुई थी, जबकि इस साल 15 दिन बाद यात्रा शुरू हुई।

Chardham Yatra 2024 More than 14 lakh devotees visited the place during this pilgrimage period

उत्तराखंड चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के महासचिव डॉ. बृजेश सती का कहना है कि धाम में यात्रियों के कम संंख्या में पहुंचने का मुख्य कारण ऑनलाइन पंजीकरण और यात्रियों की संख्या सीमित करना भी रहा है।

Chardham Yatra 2024 More than 14 lakh devotees visited the place during this pilgrimage period

यात्रा के शुरू में हरिद्वार और ऋषिकेश से ऑफलाइन पंजीकरण वाले यात्रियों को भेज दिया गया। साथ ही इस साल यात्रा 15 दिन देर से शुरू हुई, जिससे धाम में यात्रियों की संख्या में गिरावट आई। अगले यात्रा सीजन में सरकार को पंजीकरण व संख्या सीमित करने को लेकर विचार करना होगा।

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